Shri Kalika Mandir, Kalighat, Bhopal
The Shri Kalika Mandir temple has developed a place where the wishes of everyone are fulfilled. All religious people across the Country are visiting temples and making their life better-off by the blessings of Goddess Maa Kalika.
This Shri Kalika Mandir temple of Dakshin Kali at lower lake was Established by Shri Shiv Narayan Singh Bagwar with the consecrations of Goddess Maa Shri Kalika on Shrawan Shukl Ekadashi Vikram Samvat 2024 i.e. 3rd September, 1968 and the temple has developed a place where the wishes of everyone is satisfied. Shri Kalika Mandir temple, Kalighat has been a center point amongst believers of Sakti and has developed as a Shakti Peeth over a period of time. A religious place of great significance for devotees across all segments by prolonged dedicated services of Shri Shiv Narayan Singh Bagwar.
Location - Shri Kalika Mandir temple Kalighat is situated along the Sultania Road of the city adjoining the Lower Lake.
Shri Kalika Mandir temple Kalighat of Bhopal to be found along the Sultania Road of the city adjoining the Lower Lake . This Kali Temple (Shri Kalika Mandir temple) has become known as the ‘Kalika Shakti Peeth’ amongst the devotees.
Shri Kalika Mandir temple,
Dakshin Kali Mandir
Lower Lake, Sultania Road
Bhopal
KALI MATA JI KI AARTI
श्री कालीमाता की आरती
मंगल की सेवा सुन मेरी देवा, हाथ जोड तेरे द्वार खडे।
पान सुपारी ध्वजा नारियल ले ज्वाला तेरी भेट करे.
सुन जगदम्बा न कर विलम्बा, संतन के भडांर भरे।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, जय काली कल्याण करे ।।
बुद्धि विधाता तू जग माता, मेरा कारज सिद्व करे।
चरण कमल का लिया आसरा शरण तुम्हारी आन पडे
जब जब भीड पडी भक्तन पर, तब तब आप सहाय करे ।। संतन.....
गुरु के वार सकल जग मोहयो, तरूणी रूप अनूप धरे.
माता होकर पुत्र खिलावे, कही भार्या भोग करे
शुक्र सुखदाई सदा सहाई संत खडे जयकार करे ।। संतन...
ब्रह्मा विष्णु महेश फल लिये भेट तेरे द्वार खडे.
खड्ग खप्पर त्रिशुल हाथ लिये, रक्त बीज को भस्म करे
शुम्भ निशुम्भ को क्षण मे मारे ,महिषासुर को पकड दले ।।
आदित वारी आदि भवानी, जन अपने का कष्ट हरे ।। संतन...
कुपित होकर दानव मारे, चण्डमुण्ड सब चूर करे
जब तुम देखो दया रूप हो, पल मे सकंट दूर करे
सौम्य स्वभाव धरयो मेरी माता, जन की अर्ज कबूल करे ।। संतन...
सात बार की महिमा बरनी, सब गुण कौन बखान करे
सिंह पीठ पर चढी भवानी, अटल भवन मे राज्य करे
दर्शन पावे मंगल गावे, सिद्ध साधन तेरी भेट धरे ।। संतन...
ब्रह्मा वेद पढे तेरे द्वारे, शिव शंकर हरी ध्यान धरे
इन्द्र कृष्ण तेरी करे आरती, चॅवर कुबेर डुलाया करे
जय जननी जय मातु भवानी, अटल भवन मे राज्य करे।।
सन्तन प्रतिपाली सदा खुशहाली, मैया जै काली कल्याण करे।।
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