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समाज में स्त्रियों का योगदान

SAMAJ ME STRIYON KA YOGDAN


समाज में स्त्रियों का योगदान .................................


इतिहास से लेकर आज के आधुनिक युग तक अगर नज़र डालें तो हमारे समाज में स्त्रियों का योगदान पुरुषों के मुकाबले कम नहीं है बदलते समय के साथ साथ स्त्रियों ने भी पुरुषों के समान ही हर छेत्र में तरक्की की है जिस पर कभी पुरुषों का वर्चस्व हुआ करता था जैसे राजनीति, प्रशासनिक सेवाएँ , कार्पोरेट, खेल इत्यादि सभी छेत्रों में स्त्रियों के अच्छी कार्य क्षमता एवं बुद्धिमत्ता के प्रदर्शन को नकारा नहीं जा सकता.

लेकिन आज भी हमारे समाज में स्त्रियाँ असुरक्षित महसूस करती हैं उन्हें अत्याचार एवं शोषण का शिकार होना पड़ता है वैसे तो सरकार ने महिला योग जैसे संस्थानों का निर्माण कर रखा है  पर सभी के लिए उसका लाभ उठा पाना संभव नहीं हो पाता क्यों की महिलाओं के लिये बने कानून एवं अधिकारों की जानकारी का आभाव भी इसका एक मुख्य कारण है. सरकार को चाहिए के वे महिलाओं को अत्याचार एवं शोषण के विरुद्ध बने कानून एवं अधिकारों से अवगत कराए जिससे की अधिक से अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें और अत्याचार के खिलाफ लड़ सके.


इसके अलावा भारतीय समाज में पुरुष महिलाओं के प्रति अपनी सोच में बदलाव लायें ताकि किसी भी महिला को पुरुष प्रधान समाज एवं संस्थान में कार्य करने में असुविधा महसूस हो.


आज के समाज में अगर हम महिलाओं के योगदान एवं तरक्की की बात करें तो इसका जीता जागता उदाहरण हमारे सामने है एक दिहाड़ी मजदूर की लड़की ने सरकारी स्कूल में शिक्षा प्राप्त कर एयर इंडिया में एयर होस्टेस की नौकरी प्राप्त करी. ये हमारे समाज के लिए गर्व की बात है.

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