जब तक एक भी सशक्त आदमी ऐसा हो जिसे काम न मिलता हो या भोजन न मिलता हो, तब तक हमें आराम करने या भरपेट भोजन करने में शर्म महसूस होनी चाहिए.
अनुशासन ही एक ऐसा गुण है, जिसकी मानव जीवन में पग पग पर आवश्यकता पड़ती है। अतः इसका आरम्भ जीवन में बचपन से ही होना चाहिये। इसी से ही चरित्र का निर्माण हो सकता है। अनुशासन ही मनुष्य को एक अच्छा व्यक्ति व एक आदर्श नागरिक बनाता है।
मित्रता का हमारे जीवन का महत्त्व्पूर्ण हिस्सा होती है। मित्र के बिना हर व्यक्ति अकेला है। सच्चे मित्र मुश्किल से मिलते हैं। सुदामा और कृष्ण की मित्रता, सच्ची मित्रता का उदाहरण है।
समाज सेवकों का कर्तव्य है कि सच्चे दिल से समाज की सेवा करें । सच्चे हृदय से की गयी समाज सेवा ही हमारे पुरे समाज व इस देश एवं इस पूरे संसार का कल्याण कर सकती है।
जो हमारी अज्ञानता को दूर कर हमारे जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश लाता है, वही हमारा गुरू होता है। बालक के प्रथम गुरू उसके माता पिता होते हैं, जो बालक को सर्वप्रथम शिक्षा प्रदान करते हैं।
समाज सेवा का क्षेत्र इतना व्यापक है कि निरंतर शोध करते रहने पर भी अभी तक पूरी तरह से संभावनाएं तलाशी नही जा सकी हैं |
कम विकसित समाज में शोषण की वजह संपत्ति अधिकारों की जानकारी और सही कानून की कमी है।
परिवर्तन का सामना करने का सर्वोत्तम उपाय है कि उसका स्वागत किया जाए। बीते युग का मोह त्यागने से ही मानव उन्नति की स्थिति में आ सकता है.
- स्थाई जीवन यापन और विकास
- वैचारिक एवं रचनात्मक स्वंत्रता
- मानवीय मूल्यों और नैतिकता का मान करना
- समानता, करुणा और उत्कृष्टता
- विद्वत्तापूर्ण अनुसंधान
- जानकारीपूर्ण और रचनात्मक कार्य
1 - प्रतिक्रियाशीलता / Responsiveness
2 - जिम्मेदारी / Ownership
3 - प्रतिबद्धता / Commitment
4 - नवीनता /Innovativeness
5 - संघ भावना / Teamwork
हम एक दूसरे के साथ सहयोग करते हुए, एक संघ हो कर, एक ही भावना से और समान मूल्यों के लिए काम करते हैं ǀ जीवनमूल्य – जो हमें मूल्यवान बनायें।हमारा वास्तविक मूल्य हमारा आंतरिक मूल्य (Intrinsic Value) होता है जो हमारे चरित्र का प्रभाव होता है।
मनुष्य भी अपने स्थान, परिवार, व्यवसाय, पद आदि के कारण जो महत्व पाता है वह भी उसका स्वयं का मूल्य नहीं होता अपितु उस उस उपाधि के द्वारा मनुष्य पर भावित मूल्य होता है। ऐसे उपाधि मूल्य (Face Value) की अवधि (Expiry) उपाधि के साथ ही समाप्त होती है। जैसे जिले के जिलाधीश (Collector) को मिलने वाला मान-सम्मान पद के होने तक ही होता है। पद के छूट जाने के बाद वह सम्मान नहीं मिलेगा।
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