गणेश उत्सव और पर्यावरण
इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं बनाये
पर्यावरण की रक्षा के लिए करें मिट्टी की गणेश प्रतिमा की स्थापना करें । वर्तमान समय में अधिकांश गणेश प्रतिमाएंपीओपी या अन्य किसी रासायनिक तत्व से ही निर्मित होती है और जब हम यही प्रतिमा नदी या तालाब में विसर्जितकरते हैं तो इसके हानिकारक तत्व जल को प्रदूषित कर देते हैं। श्रद्धालु अपने घरों में मिट्टी से निर्मित गणेश प्रतिमाकी ही स्थापना करें और इसका विसर्जन भी घर में ही करें। इससे जल प्रदूषण नहीं होगा और हम अपनी सामाजिकजिम्मेदारी भी पूरी कर पाएंगे।
पीओपी वाली मूर्ति विसर्जन के दौरान जल प्रदूषण के साथ ही जल स्तर कम होने की समस्या होती है। मिट्टी कीमूर्तियों के साथ ऐसी समस्या आड़े नहीं आती।
शास्त्रों में उल्लेख है कि स्वर्ण, लकड़ी या मिट्टी की प्रतिमाओं की ही पूजा विधिसम्मत है। मिट्टी की प्रतिमाएं स्थापितकर उनकी पूजा करना यूं भी ज्यादा सुगम है। ये सहज ही बनाई जा सकती हैं और बहुत खर्चा भी नहीं होता। गणेशउत्सव में भी प्रारंभ में मिट्टी की प्रतिमाएं ही स्थापित की जाती थीं, किंतु आधुनिकता के प्रभाव या यूं कहे किदुष्प्रभाव में प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं बनने लगीं।
यह पर्यावरण के लिए अत्यंत हानिकारक है। देवताओं की आराधना और उत्सव से समाज का कल्याण हो, यह लक्ष्यहोना चाहिए। न कि अनजाने में उत्सव के बहाने पर्यावरण को हानि हो। इसलिए हम गणेश उत्सव में संकल्प लें किप्रतिमाएं मिट्टी की ही स्थापित की जाएंगी। इनका विसर्जन भी पूजन- अर्चन के उपरांत घर में ही हो और पानी वृक्षोंकी जड़ों में विसर्जित किया जाए। यह पर्यावरण की रक्षा में हमारा योगदान होगा।
दरअसल मिट्टी से बनी मुर्तियां पानी में आसानी से घुल जाती है और प्रदुषण नहीं फैलाती। इस तरह की मूर्तियांप्रकृतिक के लिहाज से उपयुक्त है। इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। जलीय जीव भी सुरक्षित रह पाते है। इसके अलावापैपर मैश यानी कागज से बनी मूर्तियां भी बनाई जा सकती हैं
गणेशोत्सव के दौरान मिट्टी और सूखे मेवे से बनी मूर्तियों पर्यावरण की दृष्टि से सकारात्मक संदेश है और यदि यहसिलसिला आगे भी जारी रहा तो विभिन्न पर्वो, त्योहारों और अवसरों पर नदियों, जलाशयों में प्रतिमा विर्सजन सेहोने वाली समस्या से निपटने में बड़ी मदद मिलेगी.
पर्यावरण की रक्षा मै सराहनीय कदम
- भास्कर पिछले कुछ दिनों से पीओपी के बदले मिट्टी के गणेश के बैठाने का अभियान चलाया है।
- हैदराबाद नगर निगम ने शहर भर के लोगों को इको फ्रेडली गणेश की मूर्तियां उपलब्ध कराने के लिए25000 मूर्तियों का ऑर्डर किया है। इसके अलावा 200 से 250 रुपए में मिट्टी की बनी गणेश की छोटीमूर्तियां स्टॉलों पर उपलब्ध कराई गई है।
- मुंबई। इसबार इको फ्रेंडिली गणेश की मूर्तियों की खासा डिमांड है।
- पणजी | गोवा सरकार प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनाई जाने वाली प्रतिमाओं के बजाए पर्यावरण केअनुकूल मिट्टी की प्रतिमाओं को बढ़ावा देने के लिए इस साल 50,000 गणेश प्रतिमाओं पर सब्सिडी दे सकतीहै। गोवा राज्य हस्तशिल्प ग्रामीण एवं लघु उद्योग विकास निगम (जीएसएचआरएसएसडीसी) के अध्यक्षलावु मामलेदार ने सोमवार को कहा कि निगम खुद भी राज्य में मिट्टी की प्रतिमाओं की बिक्री को लेकरप्रयासरत है, ताकि पीओपी प्रतिमाओं से होने वाले पर्यावरण के नुकसान को रोका जा सके।
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