समाज के सर्वागीण विकास में शिक्षा की उपादेयता :
यदि हमारा समाज शिक्षित होगा तो उसमें बद्धि और ज्ञान का प्रकाश विद्यमान रहेगा । शिक्षा के समावेश में समाज के लिए प्रत्येक क्षेत्र में संपर्क एवं संबंध स्थापित करने में सुगमता बनी रहती है । शिक्षा से हमारी संकुचित विचार धारा उच्च एवं वृहद विशाल विचार धारा में परिवर्तित हो सकती है । शिक्षित समाज निरंतर विकसित होकर प्रगतिशील बना रहता है । शिक्षा के प्रसार से समाज में चेतनशीलता एवं जागृति का सदैव तेजस्व कायम रहता है । शिक्षित समाज वर्तमान दौर में हर जटिलता का दृढता से सामना करने में सक्षम होता है । शिक्षा से ही हम अपनी पहचान कायम कर भली-भांति पूर्वक अपना परिचय दे सकते है । शिक्षित समाज एक-जुट होकर अपने समस्त अभाव को दूर कर सकता है । अपनी भूल एवं त्रुटियों का सुधार कर शिक्षित समाज ही विकास-पथ की ओर अग्रसर हो सकेगा । उन्नतिशील, प्रगतिशील समाज के निर्माण के लिए हमें शिक्षित होना परम् आवश्यक है, तभी हम अपने दिव्य-स्वप्नों को साकार कर सकेंगें । समाज शिक्षित हाकर ही प्रगति-पथ पर अपने निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है ।
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