बच्चों में सामाजिक कौशलों
का विकास कैसे करें
To develop social skills in children in all
aspects of life they take it prepares for healthy participation. The advent of
social skills in children by socializing is, therefore, considered an integral part.
Demonstrated good behaviors, to communicate effectively with others, to
understand the feelings and values of others and to express their individual
needs are properly etc. are considered important components of social skills. These
important skills to assist children in developing growth strategies in each
stage individually set are required.
बच्चों में सामाजिक कौशलों का विकास करना उन्हें ताउम्र जीवन के सभी पहलुओं में स्वस्थ सहभागिता के लिए तैयार करता है। बच्चों में सामाजिकता का आगमन सामाजिक कौशलों के द्वारा ही होता है, अतः इन्हें अभिन्न अंग माना जाता है। अच्छे व्यवहार का प्रदर्शन, दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद स्थापित करना, दूसरों की भावनाओं को समझना और महत्व देना एवं अपनी व्यक्तिगत आवश्यकताओं को सही तरीके से अभिव्यक्त करना आदि सामाजिक कौशलों के महत्वपूर्ण घटक माने जाते हैं। इन महत्वपूर्ण कौशलों को विकसित करने में बच्चों की सहायता करने के लिए विकास के प्रत्येक चरण में रणनीतियों के अलग-अलग सेट की आवश्यकता होती है।
The
children display social skills. The little children in state social
interactions demonstrate its innocent smile and demeanor are through. At this
stage the only children are aware of their needs and expectations.
बच्चों के समक्ष सामाजिक कौशल प्रदर्शित करें। इस नन्हीं अवस्था में बच्चे सामाजिक सहभागिता का प्रदर्शन अपनी निर्दोष मुस्कुराहट और भाव-भंगिमा के द्वारा करते हैं। इस अवस्था में बच्चे सिर्फ अपनी जरूरतों और चाह के प्रति ही सजग होते हैं।
- • Talk to children. When they cry, scream or shout and alarm response then you should love it too. Your behavior them cry, scream - yell instead would encourage you to talk.
- • Knowing others, to encourage listening and understanding. His scream and provided feedback on the needs of the very same love for children that will encourage them to listen to others and should understand the requirements.
- • To care for them and love them. Kiss and social development of children in their hands even greater importance. So in this case but not everywhere to avoid extremism.
- • The children always peaceful behavior. However, take a deep breath before picking the baby up and make yourself perfect harmonious social atmosphere moderation will help.
- · बच्चों से बातें करना। जब वे रोएं, चीखें या चिल्लाएं और हल्ला करें तो आपको बेहद ही प्यार से प्रतिक्रिया देनी चाहिए। आपका यह व्यवहार उन्हें रोने, चीखने-चिल्लाने के बजाय आपसे बात करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
- · दूसरों को जानने, सुनने व समझने हेतु प्रोत्साहित करना। उनकी चीख और जरूरतों पर बेहद ही प्यार से दी जाने वाली प्रतिक्रिया बच्चों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करेगी उन्हें दूसरों की बातें और जरूरतें सुननी व समझनी चाहिए।
- · उनकी परवाह करना और उन्हें प्यार देना। बच्चों के सामाजिक विकास में चुंबन और उनके हाथ को पकड़ने का भी बड़ा महत्व है। इस अवस्था में यह बुनियादी जरूरत मानी जाती है लेकिन हमें इस बात को लेकर भ्रमित भी नहीं होना चाहिए कि अत्यधिक देखभाल या परवाह करना बच्चे की जिंदगी को खराब भी कर सकता है। अतः इस मामले में ही नहीं अपितु हर जगह अतिवादिता से बचें।
- ·
बच्चों के समक्ष हमेशा शांतिपूर्ण व्यवहार करना। हो सकता है कि आपका बच्चा पूरी रात रोता रहा हो जिसके चलते आप सो नहीं पाए हों और अब परेशानी या खीज महसूस करें लेकिन फिर भी आपको बच्चे के समक्ष इस व्यवहार के प्रदर्शन से बचना चाहिए। हालांकि, बच्चे को गोद में थामने से पहले गहरी साँस लेना और अपने आपको संयत करना एक आदर्श सामंजस्यपूर्ण सामाजिक वातावरण का निर्माण करने में सहायक होगा।
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